Friday, August 31, 2018

तय जीत के बाद भी क्यों ख़ौफ़ में हैं कप्तान कोहली

ग्लैंड की हार तय है और ये भी निश्चित है कि ये हार बड़ी होगी, लेकिन रनों की हार का ये आंकड़ा क्या होगा इस पर अभी सिर्फ़ शर्त ही लगाई जा सकती है.
ट्रेंट ब्रिज में भारत जीत से बस एक विकेट दूर है. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में नौ विकेट पर 311 रन बनाए हैं और जीत अब भी उससे 210 रन दूर है.
चौथे दिन जब तक जोस बटलर और बेन स्टोक्स क्रीज पर थे तब तक लग रहा था कि इस टेस्ट में पाँचवें दिन के लिए भी कुछ क्रिकेट बची होगी. लेकिन फिर 10 रनों के अंतराल पर चार अंग्रेज बल्लेबाज़ पैवेलियन लौटे और मैच पूरी तरह से भारत की मुट्ठी में आ गया.किन बात करते हैं चौथे दिन के खेल के उन लम्हों की जब कप्तान विराट कोहली का कोई भी दांव काम नहीं कर रहा था.
बटलर और स्टोक्स भारतीय गेंदबाज़ों को बखूबी खेल रहे थे और जब तक पुरानी गेंद रही, उन्होंने कोहली एंड कंपनी को परेशान किए रखा.
ख़ास बात ये है कि बटलर और स्टोक्स उस वक्त बल्ले के साथ मैदान पर उतरे थे, जब इंग्लैंड के चार बल्लेबाज़ आउट हो चुके थे और भारत ने अपना शिकंजा कसा हुआ था.
बटलर ने 176 गेंदें खेली और 21 चौकों के साथ 106 रनों की बेहतरीन पारी खेली, वहीं स्टोक्स की जुझारू पारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 187 गेंदें खेली और 62 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने सिर्फ़ चार मर्तबा ही गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेजा.
ये बात सही है कि भारत इस मुक़ाबले में कभी भी बैकफुट पर नहीं था. बटलर तब दो रन के निजी स्कोर पर थे जब बुमराह की गेंद बटलर के बल्ले से टकराते हुए विकेट के पीछे उछली, लेकिन अपना पहला टेस्ट खेल रहे विकेटकीपर ऋषभ पंत गलत अंदाज़ा लगा बैठे और बटलर को एक तरह से जीवनदान मिल गया. इसके बाद कोहली ने हार्दिक पांड्या, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन से लेकर वापस जसप्रीत बुमराह को गेंद थमाई, लेकिन बटलर और स्टोक्स के आगे उनका हर दांव बेअसर साबित हो रहा था.
लंच के बाद चायकाल का सत्र बटलर और स्टोक्स के नाम रहा और भारतीय गेंदबाज़ ओवर द विकेट और राउंड द विकेट गेंदें फेंककर अंग्रेज़ बल्लेबाज़ों के धैर्य का इम्तहान लेते रहे.
80 ओवर के बाद इंग्लैंड टीम का स्कोर 223 रन पहुँच गया था. कप्तान कोहली, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी के दिमाग़ में पाँच साल पहले जोहानेसबर्ग की याद ताज़ा हो गई होंगी, जब दक्षिण अफ्रीका दूसरी पारी में सात विकेट पर 450 के स्कोर तक पहुँच गया था.
यही नहीं, कोहली, शमी और इशांत शर्मा चार साल पहले वेलिंगटन में उस मैच के बारे में भी सोच रहे होंगे, जब न्यूज़ीलैंड की दूसरी पारी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. फरवरी 2014 से खेले गए इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में न्यूज़ीलैंड के पाँच विकेट 94 रनों पर गिर गए थे और भारत जीत की उम्मीदें संजोने लगा था, लेकिन फिर ब्रैंडन मैकुलम (302), वाल्टिंग (124) और नीशाम (137) ने खूंटा गाड दिया और आठ विकेट पर 680 रन बनाने के बाद पारी घोषित की थी.
पारी के 81वें ओवर में विराट कोहली ने नई गेंद लेने का फ़ैसला किया और गेंद बुमराह को थमा दी. बुमराह का ये ओवर मेडन रहा और दूसरे छोर पर कोहली ने पहली पारी में पांच विकेट चटकाने वाले पांड्या को लगाया. कोहली का ये दांव काम आया और बुमराह ने अगले ही ओवर में बटलर को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. अगली ही गेंद पर बुमराह ने जॉनी बेरिस्टो को बोल्ड कर दिया.
86वें ओवर में पांड्या ने गेंद को लेगस्टंप के बाहर पटका, स्टोक्स ने मिडविकेट की तरफ़ शॉट खेलने की इरादा किया, लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए दूसरी स्लिप में केएल राहुल के हाथों में पहुँच गई. और इस तरह कप्तान कोहली ने राहत की सांस ली.

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